लेखनी प्रतियोगिता -29-Apr-2022 मुक्तक : सावन सा प्यार
इन सांसों पर, धड़कनों पर सिर्फ तुम्हारा अधिकार है
तुम्हारे होने से जज्बातों को लग जाते पंख बेशुमार है
तुम्हारी एक मुस्कान मदमस्त भोर सी प्यारी लगती है
बड़ी बड़ी आंखों से बरसता छमछम सावन सा प्यार है
हरिशंकर गोयल "हरि"
29.4.22
Shnaya
30-Apr-2022 10:44 PM
Very nice 👍🏼
Reply
Punam verma
30-Apr-2022 09:11 AM
Nice one
Reply
Zainab Irfan
30-Apr-2022 02:29 AM
Very nice
Reply
Hari Shanker Goyal "Hari"
30-Apr-2022 07:53 AM
🌷🌷🙏🙏
Reply